भारत में ई-कारों पर जोर

भारत में ई-कारों पर जोर

भारत में ई-कारों पर जोर

भारत में भी प्रमुख कार कंपनियां अपनी लोकप्रिय कारों का इलेक्ट्रिक वर्जन भी पेश कर रही हैं। टाटा मोटर्स के कई मॉडल अब इलेक्ट्रिक वर्जन में भी बाजार में उपलब्ध हैं।

 

वहीं ह्यूंडई, किया और मॉरिस गैराज जैसी कंपनियों की कारें भी बाजार में ग्राहकों को खूब लुभा रही हैं। लेकिन कारों को चार्ज करने की व्यवस्था एक चुनौती बनी हुई है। हालांकि इस समस्या को सुलझाने के लिए सरकारें अपने स्तर पर नीतियां बना रही हैं।

 

इसी साल मई में भारत सरकार के पेट्रोलियम मंत्रालय की सलाहकार समिति ने केंद्र को सौंपी अपनी रिपोर्ट में सुझाव दिया था कि भारत को 2027 तक 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में डीजल से चलने वाली गाड़ियों पर बैन लगा देना चाहिए।

 

समिति का सुझाव था कि उत्सर्जन में कटौती और प्रदूषित शहरों में इलेक्ट्रिक और गैस-ईंधन वाले वाहनों के इस्तेमाल को बढ़ावा देना चाहिए। भारत, ग्रीन हाउस गैसों के सबसे बड़े उत्सर्जकों में से एक है। इन कदमों से वह साल 2070 तक कार्बन उत्सर्जन को नेट जीरो तक लाने का लक्ष्य प्राप्त करना चाहता है।

 

इसी के तहत देश नवीकरणीय ऊर्जा से अपनी 40 फीसदी बिजली का उत्पादन करना चाहता है। दुनिया में चीन स्वच्छ ऊर्जा में सबसे ज्यादा निवेश करने वाला देश है। भारत भी 2030 तक 40 फीसदी ऊर्जा जीवाश्म ईंधन के बिना पैदा करना चाहता है।