जर्मनी में बिना अनुमति के आने वाले शरणार्थियों की संख्या इस साल रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने की आशंका है। हर महीने ऐसे शरणार्थियों की संख्या एक नई ऊंचाई छू रही है।
हाल ही में जर्मनी में बिना अनुमति के आने वाले शरणार्थियों की संख्या का आधिकारिक आंकड़ा जारी हुआ। इसके मुताबिक, पिछले महीने संघीय पुलिस ने 21,366 ऐसे शरणार्थियों का नाम दर्ज किया, जो देश में अनियमित तरीके से घुसे। इसी साल जुलाई में यह संख्या 10,714 थी। फरवरी 2016 को छोड़ दें, तो यह अब तक की सबसे बड़ी संख्या है। तब 25, 650 शरणार्थियों के नाम दर्ज हुए थे।
जर्मनी में शरणार्थी संकट
जर्मनी में 2016 में शरणार्थियों की संख्या सबसे ज्यादा थी। 2015 में सीरिया के शरणार्थी संकट के बाद 2016 में अनियमित शरणार्थियों की संख्या सबसे ज्यादा दर्ज की गई थी। तब लगभग 112,000 अनियमित शरणार्थी जर्मनी आए थे. उसके बाद के सालों में कभी भी बिना अनुमति के जर्मनी आने वाले शरणार्थियों की संख्या इतनी ज्यादा नहीं रही।
शरण देने से जुड़े कानून पर यूरोपीय संघ में डील
इस साल लग रहा है कि यह संख्या नया रिकॉर्ड बनाएगा। जनवरी से सितंबर 2023 के बीच ही शरणार्थियों की यह संख्या 92,119 तक पहुंच गई है। यह मुद्दा जर्मनी के लिए हालिया महीनों में लगातार विवादित बनता जा रहा है। जर्मन सरकार अपनी नई आप्रवासन नीति तैयार करने में जुटी है। आप्रवासियों से जुड़े आंकड़े जिस दिन जारी हुए, उसी दिन सत्ताधारी गठबंधन में शामिल तीनों दलों के नेता बर्लिन में इस मुद्दे पर चर्चा के लिए जमा हुए थे।
अवैध आप्रवासियों का प्रत्यर्पण
जर्मन चांसलर ओलाफ शॉल्त्स ने इस बैठक से पहले जर्मन पत्रिका डेयर श्पीगल से बातचीत में कहा, "जिन लोगों के पास जर्मनी में रहने की अनुमति नहीं है, हमें उन्हें बड़े पैमाने पर यहां से अवश्य प्रत्यर्पित करना चाहिए।" शॉल्त्स के मुताबिक, अनियमित आप्रवासन को रोकने के लिए "कई सारे उपायों" को लागू करना जरूरी है। इसमें यूरोपीय संघ की बाहरी सीमाओं के साथ ही पड़ोसी देशों के साथ लगती जर्मन सीमा पर भी विस्तृत और सख्त नियंत्रण कायम करना शामिल है।
अनाधिकृत आप्रवासियों को निकाला जाएगा
हालांकि इसके साथ ही जर्मनी को उन शरणार्थियों को स्वीकार करते रहना होगा, जो वैध तरीके से देश में दाखिल हो रहे हैं या होना चाहते हैं। शॉल्त्स ने कहा कि राजनीतिक दमन या फिर दूसरे वैध कारणों से आ रहे आप्रवासियों का स्वागत करना होगा। चांसलर ने यह भी कहा कि जर्मनी को कुशल कामगारों को लुभाने के प्रयास जारी रखने होंगे।
जर्मनी और यूरोपीय सीमा पर चेकिंग
जर्मनी की गृह मंत्री नैंसी फेजर ने 23 अक्टूबर से यूरोपीय आयोग और यूरोपीय संघ के सदस्य देशों के साथ एक नई चेकिंग व्यवस्था दर्ज कराई है। शुरुआत में यह व्यवस्था पोलैंड, चेक रिपब्लिक और गैर-सदस्य स्विट्जरलैंड की सीमा पर 10 दिनों के लिए लागू की जा रही है। यह व्यवस्था जरूरी थी क्योंकि ये सारे देश वीजा मुक्त शेंगन क्षेत्र में आते हैं और यहां सीमाओं पर चेकिंग नहीं होती।
नैंसी फेजर अनियमित आप्रवासन को सीमित करना चाहती हैं. साथ ही, वह शरणार्थियों की तस्करी करने वालों के साथ सख्ती से निपटना चाहती हैं। उनके मंत्रालय के मुताबिक, इस नई चेकिंग को कुल मिलाकर दो महीने तक के लिए बढ़ाया जा सकता है। इस तरह की चेकिंग जर्मन राज्य बवेरिया और ऑस्ट्रिया की सीमा पर 2015 से ही लागू है।
इस बीच बवेरिया के मुख्यमंत्री मार्कुस शोएडर ने कहा है कि आप्रवासियों की बढ़ती संख्या पर नियंत्रण के लिए पूरे जर्मनी में बॉर्डर पुलिस की जरूरत है। शोएडर का कहना है कि केवल कुछ जगहों पर सीमा नियंत्रण लागू करना पर्याप्त नहीं होगा। बवेरिया में पांच साल से सीमा पुलिस तैनात है।