एआई चैटबॉट बना स्कूल टीचर

एआई चैटबॉट बना स्कूल टीचर

एआई चैटबॉट बना स्कूल टीचर

हेडमास्टर का दावा- हर तीसरा शिक्षक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद ले रहा

 

कॉट्समोर के हेडमास्टर टॉम रोजरसन ने कहा कि स्कूल में बैली उनका दायां हाथ बन सकती है। शिक्षण नीतियां बनाने से लेकर विशेष जरूरत वाले बच्चों के काम करते वक्त वह मदद करेगी। उन्होंने कहा, यह सोच कर खुशी होती है कि उन्हें किसी काम के लिए अब दूसरों को कहना नहीं पड़ेगा।

 

ब्रिटिश बोर्डिंग स्कूल कॉट्समोर ने अबिगैल बैली को अपनी नई प्रिंसिपल हेड-टीचर बनाया है। बैली की खास बात है कि वे मानव नहीं, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) तकनीक आधारित चैटबॉट हैं।

 

इसी तरह जेमी रेनर को भी स्कूल ने नियुक्त किया है, वे एआई तकनीक के प्रमुख होंगे। जेमी खुद एक एआई आधारित चैटबॉट है। ब्रिटेन के स्कूलों में एआई का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है, हर तीसरा शिक्षक एआई की मदद से अपने कई काम कर रहा है।

 

हालांकि, यह पहली बार है कि सीधे चैटबॉट ही उन बड़े पदों पर तैनात हो रहे हैं, जहां पहले मनुष्य रखे जाते थे। बैली हेड टीचर के रूप में डीप-लर्निंग और जनरेटिव एआई तकनीकों का उपयोग करके विद्यार्थियों के लिए काम करेगी। उसका काम स्कूल में पढ़ाई से जुड़े कामों का प्रबंधन होगा, जिसके लिए उसे विशेषज्ञों जैसी जानकारियों के साथ प्रोग्राम किया गया है। वह खुद भी नई चीजें सीखते हुए अपने काम को सुधारती जाएगी।

 

हेडमास्टर ने कहा-मेरा दायां हाथ होगी बैली :

कॉट्समोर के हेडमास्टर टॉम रोजरसन ने कहा कि स्कूल में बैली उनका दायां हाथ बन सकती है। शिक्षण नीतियां बनाने से लेकर विशेष जरूरत वाले बच्चों के काम करते वक्त वह मदद करेगी। उन्होंने कहा, यह सोच कर खुशी होती है कि उन्हें किसी काम के लिए अब दूसरों को कहना नहीं पड़ेगा, उसके जवाब का इंतजार करना होगा।

 

जेमी को किया तैनात :

स्कूल ने बताया कि एआई प्रमुख के रूप में जेमी को तब तैनात किया गया, जब यह काम करने लायक कोई मनुष्य उसे नहीं मिला। बड़ी संख्या में आवेदन आए थे, लेकिन उन्हें एआई में विशेषज्ञता के साथ तकनीकी सहयोग देने, बच्चों के लिए पाठ तैयार करने, सह-शैक्षिक गतिविधियां आयोजन की योजना बनाने में मदद करने वाला चाहिए था।

 

विद्यार्थी को भी एआई वाले पर्सनल असिस्टेंट :

स्कूल के विद्यार्थियों को भी एआई आधारित पर्सनल असिस्टेंट दिए गए हैं, जो उन्हें उनके अध्ययन के तरीके के अनुसार पढ़ने में मदद देते हैं। रोजरसन का दावा है कि तकनीक दुनिया बदल रही है, स्कूल भी भविष्य में कदम रख चुके हैं, हालांकि इस दौरान शिक्षा के पारंपरिक मूल्यों को भी  बचाया जा रहा है।

शिक्षक दो कदम आगे

 

साल 2023 में यूके के हर तीन में एक शिक्षक ने अपने काम का बोझ कम करने के लिए एआई तकनीकों का उपयोग शुरू कर दिया है। कक्षा में पढ़ाने के लिए पाठ तैयार करने, रिपोर्ट लिखने, ईमेल का जवाब देने और विद्यार्थियों द्वारा अपने असाइनमेंट में चोरी से दूसरे के लेख मिलाने के मामले पकड़ने के लिए शिक्षक एआई तकनीक का खूब उपयोग कर रहे हैं। कई शिक्षाविद् इसे देख दावे तक कर रहे हैं कि साल 2027 तक अधिकतर स्कूलों में शिक्षकों की जरूरत नहीं रहेगी।