व्यावहारिक प्रशिक्षण के साथ मिलता है डिप्लोमा भी
जयपुर। जर्मनी में ऑऊसबिल्डुंग प्रोग्राम के अंतर्गत मेकाट्रॉनिक्स क्षेत्र में रोजगार की काफी संभावनाएं है। इसके अंतर्गत मैकेनिकल इंजीनियरिंग, ऑटोमेटिव इंडस्ट्री और कम्प्यूटर क्षेत्र आता है। यह एक तरह से मैकेनिक्स, इलेक्ट्रोनिक्स और कम्प्यूटेशन का समन्वित स्वरूप है। इस समय संपूर्ण विश्व में इस क्षेत्र में काम करने वाले विशेषज्ञों की मांग बढ़ती ही जा रही है। दुनिया भर में मेकाट्रॉनिक्स का अध्ययन करने के लिए सबसे अच्छे स्थानों में से एक जर्मनी है, जिसमें शैक्षणिक प्रणाली, प्रथम श्रेणी का बुनियादी ढांचा और बढ़ता इंजीनियरिंग सेक्टर है।
मेकाट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी (बीटेक) की एक शाखा है। इसमें कंप्यूटर का इस्तेमाल करके इलेक्ट्रिकल सिस्टम को डिजाइन किया जाता है। इस प्रोग्राम का मुख्य उद्देश्य है कि स्टूडेंट्स हाइब्रिड सिस्टम को नियंत्रित करना समझें और स्वचालित उपकरणों का निर्माण करना सीखें। आने वाले कुछ वर्षों में भारत समेत दुनियाभर में मेकट्रॉनिक्स इंजीनियर की मांग 10 गुणा बढ़ने वाली है। इससे मेकाट्रॉनिक्स इंजीनियरों की काफी संभावनाएं बन जाएंगी जो स्टूडेंट्स इंजीनियरिंग करना चाहते हैं, उनके लिए मेकाट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग एक शानदार विकल्प है।
जर्मनी में ऑऊसबिल्डुंग प्रोग्राम में युवा विद्यार्थियों को अध्ययन के साथ साथ व्यावहारिक रूप से प्रशिक्षण का अवसर भी मिलता है। इसका समय साढ़े तीन वर्ष का होता है और इस दौरान प्रशिक्षण लेने वालों को 900 से 1000 यूरो का स्टाईपेंड भी मिलता है जो हर साल बढ़ता भी है। इसमें शामिल होने के लिए कक्षा 12 में फिजिक्स, कैमिस्ट्री और मैथेमेटिक्स विषयों का होना अनिवार्य है। इसके साथ ही न्यूनतम अंक 50 प्रतिशत होने ही चाहिए। इसके अलावा किसी राजकीय या मान्यता प्राप्त इंजीनियरिंग कॉलेज से तकनीकी विषय की डिग्री है तो अच्छा रहता है। इस प्रोग्राम को ज्वाइन करने के लिए जर्मन भाषा का बी 1 लेवल का ज्ञान प्राप्त करना आवश्यक है और गोयथे, टेल्क या ईसीएल से सर्टिफिकेट भी मिला हुआ होना चाहिए। ध्यान रहे कि यह सर्टिफिकेट केवल 1 वर्ष तक ही मान्य रहते है,इसका मतलब ये हुआ कि जर्मन भाषा का सर्टिफिकेट लिए हुए एक साल से ज्यादा नहीं होना चाहिए। वैसे भी आपका इंटरव्यू जर्मन भाषा में ही होता है तो आपका जर्मन भाषा का ज्ञान अच्छा होता बहुत आवश्यक है। जर्मन भाषा आपको नही आती हो तो आप ई लैंग्वेज स्टूडियो या जर्मन स्पीकर्स क्लब से सीख सकते है। इंटरनेट और यूट्यूब पर जर्मन स्पीकर्स क्लब से आपकी सहायता हो सकती है। प्रोग्राम में शामिल होने के लिए आयु 18 से 32 के बीच होनी चाहिए।
इस क्षेत्र में जाने वाले युवा विद्यार्थियों की कंप्यूटर विज्ञान, इलेक्ट्रॉनिक्स और मैकेनिकल इंजीनियरिंग में गहरी रुचि होनी चाहिए। विद्युत सर्किटरी, गणित और भौतिकी की बुनियादी समझ रहनी चाहिए। साथ ही मैन्युअल निपुणता और अच्छी समस्या-समाधान क्षमताएं भी आवश्यक है।
ऑऊसबिल्डुंग के पूरा होने पर युवा विद्यार्थियों को डिप्लोमा प्राप्त होगा जो पूरे जर्मनी में मान्यता प्राप्त है। इससे आपको अपने क्षेत्र में बेहतर करिअर बनाने में बहुत महत्वपूर्ण साबित होगा। इसके पूरा होने के बाद सैलरी एडवांसमेन्ट भी लगभग अच्छा होता है जो लगभग 3100 यूरो तक होती है,2500 यूरो से कम तो बिलकुल नहीं हो सकती। कुछ मामलों में सैलरी इससे भी बढ़िया होती है।
ज्यादा जानकारी के लिए आप ई लैंग्वेज स्टूडियो या जर्मन स्पीकर्स क्लब से संपर्क कर सकते हैं!