खिलाड़ी के रूप में भी जा सकते है जर्मनी

खिलाड़ी के रूप में भी जा सकते है जर्मनी

खिलाड़ी के रूप में भी जा सकते है जर्मनी

https://youtu.be/3hAZ8qxPE_M?si=2x6SjF_2WHrm0vcDजर्मन स्पोर्ट्स क्लब करते है खिलाड़ियों का सहयोग 

अगर आप एक अच्छे राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी है तो आप जर्मनी जा सकते है वहां के स्पोर्ट्स क्लब आपका काफी सहयोग करेंगे। इसके साथ ही वहां आप अपनी शिक्षा भी पूरी कर सकते है। 

ई लैंग्वेज स्टूडियो के डायरेक्टर देवकरण सैनी ने जर्मनी यात्रा के दौरान बॉन में बैडमिंटन खिलाड़ी श्रेयस से बातचीत की और स्पोर्ट्स में कॅरिअर की संभावनाओं के बारे में जानकारी ली। मूल रूप से तमिलनाडू में चेन्नई के रहने वाले श्रेयस ने बताया कि वह अपने परिवार सहित यहां 5 साल पहले आए थे। उनके पिता पहले ही यहां आ गए थे। वह बचपन से ही बैडमिंटन प्लेयर है पहले हॉकी और स्वीमिंग खेले लेकिन बाद में अपने लिए बैडमिंटन ही तय किया। वर्ष 2011 से 2018 तक स्कूलिंग के दौरान तमिलनाडू में स्टेट लेवल और फिर नेशनल लेवल तक बैडमिंटन खेला। इसके बाद अंतर्राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगितओं में भी भाग लेना शुरू कर दिया। साल 2018 में जर्मनी आ गया। मेरे पिता यहां पहले ही आ चुके थे तो मैं गर्मियों की छुट्टियों में यहां आता और क्लबों से संपर्क करना शुरू कर दिया। एक क्लब में तो खेलना भी शुरू कर दिया था तब लगा कि यहां बैडमिंटन में संभावनाएं है। यहां खेलना और यात्रा करना आसान है फिर 2019 में बॉन में बैडमिंटन क्लब ज्वाइन किया। वर्ष 2021-22 में पहचान बनने के बाद बैडमिंटन एसोसिएशन ने समर्थन करना शुरू किया। यात्रा और प्रशिक्षण शिविरों के बाद में फाइनेंशियल भी सहायता की। 

मेरी यूनिवर्सिटी की पढ़ाई संयोग से कोरोना के समय हुई जो खेलने में सहायक साबित हुई। इसके सुबह-शाम ट्रेनिंग और दिन में पढ़ाई का समय रहा। खेल में कॅरिअर बनाने के लिए पैशन और डिसिप्लेन रखना बहुत जरूरी है। जर्मनी में सर्दियों के समय सुबह जल्दी उठना आसान नहीं होता। बैडमिंटन खेलने के दौरान मुझे भारत के और यूरोप के बडे़ शहरों में यात्रा करने का अवसर मिला। इन यात्राओं से भी काफी कुछ सीखने को मिलता है। मेरा छोटा भाई संजीव भी बैडमिंटन खिलाड़ी है। उसने जर्मनी और यूरोप की कई बैडमिंटन प्रतियोगिताएं जीती है। वह वर्तमान में जर्मनी के टॉप 5 खिलाड़ियों में से एक है। अभी हम दोनों भाइयों का लक्ष्य है कि हम जर्मनी के लिए ओलम्पिक में क्वालिफाई करें। मैं इस समय यहां बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन की पढ़ाई कर रहा हूं।  

अगर भारत से कोई खिलाड़ी जर्मनी आना चाहता है तो उसे यहां के क्लबों से संपर्क करना होगा। अगर आप अपनी योग्यता साबित कर देते है तो वे आपको वीजा, रूकने और भविष्य के लिए भी सपोर्ट करेंगे। यहां बहुत से पुराने क्लबों की वेबसाइट है उन पर मेल और कांटेक्ट एड्रेस है आप निश्चिंत होकर उनसे संपर्क कर सकते है। आप उनको अपने फोटो और वीडियो भेज सकते है इससे वो आपका एसेसमेंट कर लेंगे और अपाइंटमेंट तय हो सकेगा।