जर्मनी जाने के लिए इंजीनियर्स और नर्सेज के लिए नई प्लानिंग
जयपुर. जर्मनी जाने की इच्छा रखने वाले इंजीनियर्स और नर्सेज के लिए नई योजना आई है। इस कंडीशनल ऑफर लेटर स्कीम से न केवल उनका समय बचेगा बल्कि वह चिंता मुक्त रहकर अपनी जर्मन भाषा का स्तर बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर सकेंगे। ई लैंग्वेज स्टूडियो के डायरेक्टर और जर्मन स्पीकर्स क्लब के कन्वीनर देवकरण सैनी ने बताया कि इसके लिए जिन इंजीनियर्स को 5 साल का फैक्ट्री में काम करने का व्यवाहरिक अनुभव है और नर्सिंग के क्षे़त्र में जिन्होंने जीएनएम या बीएससी नर्सिंग कर रखी है, वह अपना पंजीकरण पहले ही करवा सकेंगे।
ई लैेंग्वेज की ओर से आयोजित ऑनलाइन सेमिनार में इस स्कीम के लाभ बताते डायरेक्टर सैनी ने बताया कि इसमे जो योग्य पाए जाएंगे उनके इंटरव्यू पहले ही करवा लिए जाएंगे। इंटरव्यू पास करने के बाद जिनकी भाषा का स्तर बी 1 का हो जाएगा तो वे तुरंत जर्मनी जा सकेंगे। इस योजना में उनके वीजा सहित अन्य दस्तावेज पहले से ही तैयार करवा लिए जाएंगे। इनमे कक्षा 10 और 12, गेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन, प्रोफेशनल डिग्री, उनकी ट्रांसक्रिप्ट, दस्तावेजों का ट्रांसलेशन आदि शामिल है। जर्मन भाषा का गोयथे, टेल्क या ईसीएल का बी 1 या बी 2 लेवल का एग्जाम पास करने की शर्त होने के कारण इसे कंडीशनल ऑफर लेटर स्कीम नाम दिया गया है। यह एक तरह से एडवांस ऑफर लेटर भी है।
इस स्कीम की सबसे पहली शर्त यही है कि आप इंटरव्यू पास कर ले। साक्षात्कार लेने वाले आपकी पर्सनेलिटी और आपकी मानसिकता के बारे में जानकारी करते है। जर्मन भाषा में ए 1 और ए 2 करते समय भी आप यह इंटरव्यू दे सकते है। आपको किसी भी गांव-कस्बे में काम करने के लिए तैयार रहना चाहिए। किसी खास शहर में काम करने की शर्त नहीं रखनी चाहिए। इसी तरह खानपान को लेकर इश्यू नहीं बनाना चाहिए। इसके साथ ही जर्मनी जाते समय आपके पास सर्वाइवल के लिए आपके पास 1 से 1.50 लाख रुपए होने ही चाहिए। इससे आपमे आत्मविश्वास भी बना रहता है।
जर्मन स्पीकर्स क्लब के कन्वीनर सैनी ने जानकारी दी कि इंजीनियर को लेने की अधिकतम आयु सीमा 35 और नर्सेज के लिए आयुसीमा 40 वर्ष है। नर्स के लिए जीएनएम या बीएससी नर्सिंग की डिग्री होनी चाहिए। अगर काम का अनुभव है तो और भी अच्छी बात है। वहीं इंजीनियर्स के लिए 5 साल के पूर्ण अनुभव की शर्त रखी गई है। इसमे आपकी डिग्री और अनुभव का समन्वय होना ही चाहिए। इलेक्ट्रिकल एंड मैकेनिकल इंजीनियरिंग और ऑटोमेटिव सेक्टर में मशीन रिपेयर और इंस्टालेशन का काम आना चाहिए। इसमे डिप्लोमा नहीं चलेगा। इसके साथ ही एक्सीपीरियंस लेटर और 5 साल की पे स्लिप भी होनी चाहिए।
इस योजना का उद्देश्य ही जाने वाले योग्य प्रोफेशनल्स का समय बचाना है। इससे उनका 3 से 5 माह का समय बच जाएगा। इसके लिए 50 हजार रुपए डिपॉजिट किए जाएंगे जो प्रोसेस पूरी होने के बाद रीइंबर्स हो जाएगा। इसी तरह आपके वीजा और फ्लाइट का खर्च भी रीइंबर्स हो जाएगा। अगर आपका इंटरव्यू बहुत अच्छा रहता है तो हो सकता है कि फ्लाइट का टिकट जर्मन कंपनी ही भेज दे। जर्मन भाषा में बी 2 करना और भी अच्छी बात है। इससे फायदा ही मिलता है। इसी तरह मेडिकल वोकैब को अधिक से अधिक याद करना भी नर्सिंग एप्लीकेंट के लिए लाभकारी रहता है। अगर कोई नर्सिंग में पोस्ट ग्रेजुएट है तो उसका भी फायदा मिलता है। वहां रहने की जगह उनकी तरफ से उपलब्ध कराई जाएगी लेकिन उसका खर्च सैलरी में से कटेगा। वहां पूर्ण रूप से नर्सिंग का काम करने के लिए एनाकुलम प्रोसेस होता है और बी 2 पास करना भी जरूरी रहता है। इसके बाद आपकी सैलरी काफी बढ़ जाती है। इससे पहले आपको असिस्टेंस नर्स के रूप में ही काम करना होता है।