पुरातत्वविदों ने उत्तरी जर्मन शहर ल्यूबेक में ट्रैव नदी के मुहाने पर सदियों पुराने जहाज के मलबे को बचाने का काम पूरा कर लिया।
जर्मनी के पुरातत्विदों ने समंदर में सदियों पुराने जहाज को खोज निकाला है। इस जहाज को खोजे जाने के बाद इसके डूबने को लेकर कई अहम राज खुले हैं। जानकारी के अनुसार पानी के अंदर काम करने वाले पुरातत्वविदों ने उत्तरी जर्मन शहर ल्यूबेक में ट्रैव नदी के मुहाने पर सदियों पुराने जहाज के मलबे को बचाने का काम पूरा कर लिया। ऐसा माना जाता है कि यह जहाज साल 1650 के आसपास हॉलैंड में बनाया गया था। इस पूरे प्रोजेक्ट में लगभग 2 लाख यूरो खर्च होने का अनुमान है। दिलचस्प है कि यह खर्च ल्यूबेक के नागरिकों ने खुद ही उठाया।
सतह से 11 मीटर नीचे यह मलबा क्षेत्रीय जल और नौवहन कार्यालय द्वारा नियमित सर्वेक्षण के दौरान संयोगवश मिला। इसे जुलाई 2022 में सार्वजनिक किया गया। प्रोजेक्ट के प्रमुख फेलिक्स रोश ने कहा, 'हमने अपनी उम्मीद से कहीं अधिक पाया है और हैन्सियाटिक जहाज के कार्गो और उपकरणों के बारे में कई निष्कर्ष निकालने में सक्षम हुए हैं।'
जहाज डूबने की सामने आई ये वजह
पुरातत्वविद रोश ने कहा कि जहाज के साथ पाए गए कुछ माल पर काले निशान से पता चलता है कि यह आग लगने के चलते डूब गया होगा। उन्होंने कहा, 'जाहिर तौर पर डेक पर बड़ी आग लगी थी।' जहाज के माल में कैल्शियम ऑक्साइड के बैरल थे, जिन्हें अक्सर चूना कहा जाता था। यह उस समय आमतौर पर घर बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता था।
रोश ने बताया, "वहां नीचे लगभग 170 बैरल हैं, उन्हें अगले कुछ दिनों में हटा दिया जाएगा।' शुरुआती संकेतों से पता चलता है कि डूबते समय जहाज शायद स्कैंडिनेविया से ल्यूबेक जा रहा था। सतह पर लाई गई सभी चीजों का 3डी डिजिटल स्कैन किया जा रहा है। मिले हुए टुकड़ों को तेजी से खराब होने से बचाने के लिए काम चल रहा है। सभी चीजों को के बारे में दस्तावेज तैयार किए जा रहे हैं।