स्टाईपेंड भी मिलता है ट्रेनिंग के दौरान
जयपुर. विश्व के प्रमुख विकसित देशों में से एक और तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था जर्मनी में वोकेशनल ट्रेनिंग ली जा सकती है। यह ट्रेनिंग आऊसबिल्डुंग प्रोग्राम के अंतर्गत मिलती है। इसके अंतर्गत अच्छा खासा स्टाईपेंड भी मिलता है जिसमे खर्च के अलावा बचत भी हो जाती है। यह प्रशिक्षण विभिन्न फील्ड में दिया जाता है।
जर्मनी में वोकेशनल ट्रेनिंग लेने के लिए सबसे पहले जर्मन भाषा का स्तर अच्छा होना चाहिए। इसमे न्यूनतम बी 1 या बी 2 का स्तर होना चाहिए। बी 2 होना सबसे बढ़िया रहता है। इसके साथ ही कक्षा 12 में न्यूनतम 50 प्रतिशत अंक होने चाहिए। अगर ग्रेजुएशन कर रखी है तो उसमे भी न्यूनतम 50 प्रतिशत अंक होने चाहिए। आपकी भाषा के अच्छे स्तर के साथ साथ आपका व्यक्तित्व भी इसमे सहयोगी भूमिका निभाता है। इसलिए अपने व्यक्तित्व विकास पर भी ध्यान देना चाहिए। इससे साक्षात्कार में आपको सफलता मिलनी सुनिश्चित हो जाती है।
जर्मनी में इस समय बहुत से श्रमिकों और पेशेवरों की आवश्यकता है। यह आवश्यकता अगले 10 से 12 वर्ष तक रहने वाली है। इस कमी को पूरा करने के लिए ही वहां आऊसबिल्डुंग प्रोग्राम चलाया जा रहा है। इसमे दी जाने वाली वोकेशनल ट्रेनिंग जीवन भर काम आती है। यह प्रशिक्षण 3 से साढे़ तीन साल तक दिया जाता है और इसके बाद डिप्लोमा प्रदान किया जाता है। जर्मनी में ओल्ड ऐज होम की अधिक संख्या और बुजुर्ग आबादी अधिक होने के कारण मेल और फिमेल नर्स दोनों की ही बहुत अधिक आवश्यकता है। नर्सिंग का प्रशिक्षण लगभग 3 साल तक रहता है और इसे किसी भी विषय का विद्यार्थी ज्वाइन कर सकता है। इसी तरह टेक्नीकल में साढे़ तीन साल का प्रशिक्षण रहता है और डिप्लोमा प्रदान किया जाता है। होटल, रेस्टोरेंट, कुक, बर्गर किंग, मैकडोनाल्ड और बेकरी आदि में भी 3 साल का डिप्लोमा प्रदान किया जाता है। इसके पश्चात नियमित जॉब आसानी से मिल जाता है और एक अच्छे कॅरिअर का निर्माण हो जाता है। अधिक जानकारी के लिए आप इन नंबरों पर संपर्क कर सकते है-7597559400, 7240061884.