राजस्थान सरकार भी सिखाएगी जर्मन और अन्य विदेशी भाषाएं

राजस्थान सरकार भी सिखाएगी जर्मन और अन्य विदेशी भाषाएं

राजस्थान सरकार भी सिखाएगी जर्मन और अन्य विदेशी भाषाएं

लैंग्वेज लैब भी खोली जाएगी, युवाओं को मिलेगी कॅरिअर में रफ्तार  

जयपुर. राजस्थान सरकार की ओर से युवाओं को कॅरिअर ग्रोथ और नए अवसर प्रदान करने के लिए उन्हें जर्मन और अन्य विदेशी भाषाओं का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके लिए राज्य सरकार की ओर से विभिन्न कॉलेजों में सर्टिफिकेट कोर्स चलाया जाएगा। सरकार ने इसके लिए विदेशी भाषा सिखाने वाले संस्थानों और शिक्षकों से प्रस्ताव मांगे है। इन प्रस्तावों के अंतर्गत उनका चयन होने पर यह कोर्स प्रारंभ हो जाएंगे। इससे राज्य के युवाओं को कॅरिअर में काफी लाभ मिलेगा और वह बड़ी कंपनियों में रोजगार प्राप्त कर सकेंगे और जर्मनी सहित अन्य देशों में काम के लिए और पढ़ने भी जा सकेंगे।  

राजस्थान सरकार की ओर से फॅारेन लैंग्वेज कम्यूनिकेशन स्किल स्कीम लागू की जा रही है। इसमे युवाओं का कॅरिअर निखारने के लिए राज्य के कॉलेजों में जर्मन सहित फ्रेंच, स्पेनिश, इटालियन, रशियन और जापानी भाषा का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसमे जापानी के अलावा अन्य भाषाओं का ए 1, ए 2 और बी 1 का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इन भाषाओं का प्रशिक्षण 360 घंटे तक का दिया जाएगा। वहीं जापानी भाषा का 540 घंटे का प्रशिक्षण होगा जो एन 5 और एन 4 लेवल तक का होगा। इस प्रशिक्षण को पाने के बाद राज्य के युवा विश्व स्तर के रोजगार प्राप्त कर सकेंगे। इससे उनका अनुभव भी व्यापक होगा और भविष्य में वह स्वयं का रोजगार भी प्रारंभ कर सकेंगे। 

इंटरनेशनल स्टैंडर्ड का होगा प्रशिक्षण 

राज्य सरकार की ओर से विदेशी भाषाओं का यह प्रशिक्षण इंटरनेशनल स्टैंडर्ड का होगा। इसमे अनुभवी प्रशिक्षकों का होना अनिवार्य किया गया है। इसके लिए अनुभवी भाषा संस्थानों से आवेदन मांगे गए है जिन्हें विदेशी भाषाएं सिखाने का व्यापक अनुभव हो। इनको विदेशी भाषा प्रशिक्षण का पूरा सिस्टम भी विकसित करने में सहयोग करना होगा। राज्य सरकार की ओर से इसकी नियमित मॉनिटरिंग होगी। प्रशिक्षण के साथ साथ कॅरिअर गाइडेंस भी दी जाएगी। इन प्रशिक्षण केंद्रों पर पहले साल 960 विद्यार्थियों को प्रशिक्षण देने का लक्ष्य रखा गया है। इस प्रशिक्षण का एक बड़ा लक्ष्य राज्य में युवाओं को और अधिक दक्ष बनाना साथ में वैश्विक सहयोग और विदेशी निवेश को आकर्षित करना है। 

रोजगार की असीम संभावनाएं

उल्लेखनीय है कि जर्मन सहित कई विदेशी भाषाओं में रोजगार की असीम संभावनाएं है। अकेले जर्मनी में ही 10 लाख पेशेवर और श्रमिकों की आवश्यकता है। इसी तरह जापान में भी लाखों पेशेवरों और श्रमिकों की आवश्यकता है। फ्रेंच, स्पेनिश और इटालियन भाषाओं को जानने वाले लोगों की भी मांग दिनोदिन बढ़ रही है। जर्मनी में नर्सिंग, होटल, रेस्टोरेंट, बेकरी, लॉजिस्टिक, इलेक्ट्रिीशियन, प्लम्बर, किंडरगार्टेन टीचर सहित बहुत सारे क्षेत्रों में काम करने वालों की मांग बनी हुई है लेकिन शर्त यह है जर्मन भाषा का स्तर बहुत अच्छा होना चाहिए। वर्तमान में सी 1 से लेकर बी 1 तक जानने वालों का साक्षात्कार करके उन्हें आऊसबिल्डुंग सहित सीधे रोजगार पर ले लिया जाता है। इसके अलावा जर्मनी के सरकारी विश्वविद्यालयों सहित निजी विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले भारतीय विद्यार्थियों की संख्या 60 हजार से अधिक हो चुकी है। जर्मन सरकार का मानना है कि अगले वर्ष तक यह संख्या 1 लाख से भी अधिक हो जाएगी। 

इन कॉलेजों में मिलेगा प्रशिक्षण 

राज्य सरकार की ओर से राज्य के 16 राजकीय महाविद्यालयों में इन 5 विदेशी भाषाओं का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इनमे सम्राट पृथ्वीराज चौहान गवर्नमेंट कॉलेज अजमेर, बाबू षोभाराम गवर्नमेंट आर्टस कॉलेज अलवर, एमएसजे गवर्नमेंट कॉलेज भरतपुर, गवर्नमेंट डूंगर कॉलेज बीकानेर, गवर्नमेंट कॉलेज बूंदी, महाराणा प्रताप गवर्नमेंट पीजी कॉलेज चित्तौड़गढ़, स्वर्गीय पीएनकेएस गवर्नमेंट पीजी कॉलेज दौसा, गवर्नमेंट कॉलेज जयपुर, एसबीके गवर्नमेंट पीजी कॉलेज जैसलमेर, श्री राधेश्याम आर मोरारका गवर्नमेंट कॉलेज झुंझुनूं, गवर्नमेंट कॉलेज जोधपुर, गवर्नमेंट बांगड़ पीजी कॉलेज पाली, सेठ रंगलाल कोठारी पीजी कॉलेज राजसमंद, शहीद कैप्टन रिपुदमन सिंह राजकीय महाविद्यालय सवाईमाधोपुर, गवर्नमेंट कॉलेज सिरोही, गवर्नमेंट मीरा गर्ल्स कॉलेज उदयपुर शामिल है।