जर्मनी में कौशल प्रशिक्षण के साथ होती है आय भी

जर्मनी में कौशल प्रशिक्षण के साथ होती है आय भी

जर्मनी में कौशल प्रशिक्षण के साथ होती है आय भी

साथ ही 3 साल बाद मिल जाता है डिप्लोमा 

जयपुर. दुनिया में धन कमाने और अच्छा कॅरिअर बनाने की सबसे प्रमुख शर्त हुनर को माना जाता है। यह कौशल विकास और प्रशिक्षण से मिलता है क्योंकि हुनर सीखने में समय लगता है। बहुत से विद्यार्थियों और युवाओं को इसके लिए धन भी खर्च करना पड़ता है तब जाकर एक युवा कई साल में कौशल संपन्न हो पाता है। वहीं जर्मनी में आऊसबिल्डुंग प्रोग्राम में कौशल विकास का शिक्षण-प्रशिक्षण निःशुल्क मिलता है। इस प्रशिक्षण की खास बात यह है कि इसके साथ अच्छा खासा स्टाईपेंड भी मिलता है जिससे जर्मनी में खर्च करने के साथ साथ बचत भी हो जाती है। यहां तक कि मात्र 5 से 6 माह में इस प्रोग्राम में खर्च की गई राशि भी वसूल हो जाती है। इसके साथ ही युवा अपनी बचत को घर भी भेज सकते है। 

इस प्रोग्राम में ज्वॉइन करने के लिए सबसे पहले तो जर्मन भाषा अच्छी तरह से आनी चाहिए। जर्मन भाषा का बी 1 का लेवल पास होना चाहिए और इसके साथ ही गोएथे, टेल्क और ईसीएल का सर्टिफिकेट होना चाहिए। यह सर्टिफिकेट एक वर्ष के लिए मान्य रहता है। अगर बी 2 का सर्टिफिकेट रहता है तो और अच्छा रहता है। बी 2 के स्तर की भाषा आने से जर्मनी में शिक्षण और प्रशिक्षण में किसी प्रकार की परेशानी नहीं होती है साथ ही वहां के लोगों से बातचीत करना भी आसान हो जाता है। भाषा का स्तर जितना अच्छा होता है उतना ही आऊसबिल्डुंग प्रोग्राम को सफलतापूर्वक करना सरल होता है। इसके पश्चात दूसरे कोर्स भी किए जा सकते है। उनसे भी अपनी स्किल और आय बढ़ाने में मदद मिलती है। 

आऊसबिल्डुंग इसके माध्यम से होटल, रेस्टोरेंट, नर्सिंग, तकनीकी, बेकरी सहित विभिन्न श्रेणियों में विद्यार्थियों को प्रशिक्षण दिया जाता है और उनके लिए कक्षाएं भी आयोजित की जाती है। इस दौरान उन्हें इसका स्टाईपेंड भी दिया जाता है। यह स्टाईपेंड भारतीय रूपए में 80 से 90 हजार रूपए मासिक तक होता है। इसमे हर साल बढ़ोत्तरी भी होती है। इसके अलावा 6-7 माह बाद पार्ट टाइम काम भी कर सकते है। इससे भी आय बढ़ जाती है और बचत भी बढ़ती है। अधिक जानकारी के लिए आप इन नंबरों पर संपर्क कर सकते है-7597559400, 7240061884.