जिम्मेदारों को अपने स्वभाव पर लगातार काम करना चाहिए। खासतौर पर कर्णधारों को स्वभाव समुद्र की तरह रखना होगा। जिम्मेदारी समुद्र की तरह गहरी और लहरों की तरह उत्साह भरी रहनी चाहिए। राम राज्य में वर्णन है 'सागर निज मरजादां रहहीं। डारहिं रत्न तटन्हि नर लहह...