"धनतंत्र और जनतंत्र" जनतंत्र है-शोर है, चीखो पुकार है, शिकायत है, तकरार है। जनतंत्र है-मारामारी है, आपाधापी है, ताकत का खेल है, रेलमपेल है। जनतंत्र है-शान्ति की पुकार है, बम धमाका है, आतंक है, आदमी के चिथड़े हैं। जनतंत्र है-आत्मघाती है, दूसरों को उड...